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चम्पा

चंपा काले काले अक्षर नहीं चीन्हती :- आख़िर चम्पा काले काले अक्षर क्यों नहीं चीन्हती तो फिर कम्प्यूटर पर कैसे काम करेगी, क्या कभी किसी ने इन समस्याओं की ओर ध्यान दिया है? शायद नहीं यदि इस मर्ज की दवा मिल जाय तो सारी बीमारी समाप्त हो जाएगी। तो चलो इसका आज समाधान खोजें।

हिन्दी टाइप करने का सबसे अच्छा औजार कौन सा है---

भाई मै बहुत वर्षो से हिन्दी के ऑफ़ लाइन और आन लाइन पर काम कर रहा हूं परन्तु अभी तक कोइ ऐसा टाईपिंग औजार नहीं मिला जिसका सफलता पूर्वक हर जगह प्रयोग किया जा सके पहले मै शुषा बाद में कृतिदेव पर आफ लाइन में लिखता था बाद में s arvgyजी की कृपा से आई एम ई फोनेटिक की जानकारी हुई तब यह बहुत अच्छा लगा की हिन्दी की समस्या टाईपिंग की समाप्त हो गयी परन्तु जैसे जैसे कार्यों की विविधता बढ़ती जा रही है वैसे यह आई एम ई फोनेटिक अनेक जगह पर नहीं चलता है जैसे विंडो के एक्सअल पर तुंरत अक्सार नहीं दिखाई देता है और ठीक से डाटा इन्टर करना एक समस्या है आज से इनस्क्रिप्ट पर लिखने का प्रयास कर रहा हूँ यदि यह वैज्ञानिका हो और आजीवन के लिए उपयोगी बन जाय तो कितना अच्छा होगा रवि भाई का बहुत बहुत धन्यवाद जिनके कारण हम जैसे गैर-तकनीकी क्षेत्र के लोग भी आन लाइन और आफ लाइन पर कार्य करने की कोशिश कर रहे है। कृपया बताइए क्या कभी कोइ वैज्ञानिका और स्पेल चेकर के साथ कोइ टूल मिलेगा यदि बना हो तो सुझाव दे । क्योंकि हमारे पास केवल विंडो की ही सुविधा है। लिनक्ष्स अच्छा है, ओपन आफिस अच्छा है अनेक लोग बताते है परन्तु यहाँ

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कहानी आप की

मन कहता है मै भी कहानी लिखूं, मगर क्यों बार-बार मन पीछे हो जाता है, शायद देख कर कल की संसदीय कार्यवाही, दिल छोटा हो जाता है। अपनों ने किया अपनों पर आघात न जानें क्यों, शायद रूपया अब भावनावों और नियमों से बलवान हो गया है, पूरा शहर और गांव देख रहा था, निर्लज्जता बलवान हो रही, टूट जा रहा है विश्वास , क्योंकि पैसा भगवान होता जा रहा है।

चिट्ठा जगत

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खामोशी को तोड़ना पड़ेगा ।

हम बहुत दिन से खामोश थे कि वे जो कर रहे हैं वह अच्छा ही होगा। परंतु वे इतने कमीने निकले की हमारे अहसास उड़ गए। कहते हैं हम ही सच्चे देश भक्त हैं और सबसे अच्चे हैं। पर करते हैं केवल स्वार्थ पर राजनीति, हमें कहते है दोशी। खुद केवल देखते हैं निज फायदा क्या है आप की तमन्ना। अब हम भी गए हैं जान नहीं बना सकते हमें मूर्ख। क्योंकि आप ने हमें बना दिया है चालाक। हम जानते थे सच्चे अर्थों में प्यार करना। मदद करना जान दे कर अपने देश और समाज के हित का। परंतु आप ने सीखा दिया, चोरी, चापलूशी और भोले-भालो को धोखा देना। अब हम अच्चे आप के सच्चे शिष्य आप को देंगे हर जगह मात । क्योंकि आप ने दिखाया है रस्ता स्वार्थ है सर्वोपरि। बाकि हैं सब निर्थक, आप कोई और नहीं: आप हैं शिक्षित, गुरूजन और अग्रजन।
दोस्ती दिवाली के दिप जले शान से यारों की यारी रंग लाये प्यार से दीप के बिन है दिवाली अधूरी दोस्त के बिन है जिंदिगी अधुरी भवरे को फूल की महक है प्यरी दोस्ती तो दोस्ती है सबसे न्यारी दुनिय को भले दौलत है सबकुछ दोस्ती को लगे दोस्ती है सबकुछ