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हिन्दी दोस्तों आप आओ साथ

हिन्दी दिवस क्या मनाना? जिस घर में खेत और खलीहान में हिन्दी की होती है खेती प्रतिक्षण प्रतिदिन हिंदी दिवस ही तो मनाते हैं, वे बोले या न बोलें कितनी भी पाश्चात सभ्यता को ढ़ो लें लेखिन फिर भी वे रहेंगे कौए का कौआ ' कितना भी क्रो - क्रो कर लें, फिर भी काँव काँव करने से अपने बच्चों को नहीं रोक सकते इस लिए हे यारों खुश हो कर हिन्दी में बोलों हिन्दी दिवस क्या मनाना ।