हम हैं तलाश में किसी औजार के, जो हारे हुए को विजयी बनाता हो , दिखाता हो सबको अपना चेहरा, उसे असली चेहरे की पहचान करता हो, है कोई जो ऊपर है स्वार्थों की दीवार से क्या इसी में पीसते रहोगे प्यारे. बोलो है कोई औजार जो स्वपनों को, साकार करता है .. आप का दोस्त.