संदेश

फ़रवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ब्राह्मण भी शूद्र होता है

पूरे विश्व के अहीर, जाट व गूजर भाइयों और बहनों, अहीर का मतलब यादव ही होता है। इसे विभिन्न अन्य नामों से भी स्थानीय स्तर पर जानते हैं। जैसे - ग्वाल, गोपाल, गवली, गोल्ला, धनगर, पाल आदि। जाट और गूजर भी अहीर की ही शाखाएं हैं। या ऐसा कहें कि जाट, गूजर और अहीर एक ही जनजाति हैं। ये जातियां भारत की सबसे श्रेष्ठ जातियां हैं। कथित पूजा पाठ का काम करने वाली जातियां आज अपने के ब्राह्मण कहती हैं। जबकि दुनियां में ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि पद सोपान हैं, जिसे कोई भी मनुष्य अपने कर्म के अनुसार प्राप्त कर सकता हैं।  अहीर, जाट और गूजरों के मंदिरों में जो पूजारी काम करते हैं, स्वयं को ब्राह्मण कहते फिरते हैं। इसी प्रकार शूद्र पुजारी जनता के घरों में पूजा-पाठ करते हैं और जीवन यापन करते हैं। मान प्राप्त करने के लिए कभी स्वयं को ब्राह्मण कहने लगते हैं। वास्तव में जैसे धोबी कपड़ा धोता है, चमार चमड़े का काम करता है, नाई बाल काटने का कार्य करता है, वैसे ही पूजारी- पूजा पाठ का कार्य करता है। भारत में जातियां कामों के आधार पर संगठित हैं। कोई जाति छोटी और बड़ी नहीं होती। शूद्र का मतलब छोटा या तुच्छ होता है। जो भी