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मेरी अनुभूति में गोवा

वर्षों से हमने अनुभव किया गोवा हमारा सबसे है न्यारा वि कास करने में देश का सिर मौर्य स्वतंत्रता, समानता स्त्री का सम्मान, सहयोग और सौंदर्य है इसकी पहचान। हजारों में हो जाती है इनकी पहचान है इसमें कौन? गोवन इंसान हिंदी, मराठी, अंग्रेजी है शान, परंतु बहती है कोंकणी शरीर में, बन कर प्राण। छोटे छोटे स्कूल और छोटे छोटे मकान प्यारी प्यारी स्त्रियाँ और नौजवान। गोवा के पश्चिमी तट पर बहता है अपार सागर जिसने खुश हो कर दिया है- मनोरम प्राकृतिक सौगात हे गोवन! मेरे बीचों की रक्षा करो यही है तुम्हारे समृद्धि का आधार। जब तक ये बीच स्वच्छ और सुरक्षित हैं तभी तक जानो, स्वास्थ्य, समृद्धि और सम्मान। काणकोण, मडगाँव, वास्को या हो पणजी सांग, केपे, फोण्डा या मह्पसा की मंडी हर क्षेत्र में मिल जाते हैं, शानदार चर्च और मंदिर। गिरजाघर को देख देख कर मन हो जाता मतवाला कितान सुंदर, कितना भव्य, जिसमें चलती हैं ज्ञान शाला। इससे जूड़े, सपनों को संजोये लोग खड़े हो, जैसे हमसे कुछ दूर। कोशिश कर के लाते जब पास