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राहुल गाँधी से कुछ प्रश्न ?????

प्र.1 आप आज कल उत्तर प्रदेश के दलितों से ही क्यों प्रेम दिखा रहें हैं? उत्तर: क्योंकि वहाँ मायावती एक दलित मुख्यमंत्री हैं और वे आप की वोट की दाल में बट्टा लगाने में सक्षम हैं. क्या वहाँ और जाति विरादर के लोग नहीं हैं? अन्य गरीबों के घर में भी जाइए और उनका भी हाल चाल पूछिए. वे भी आप को वोट देते हैं. पूरे देश के दलितों के घर जाइए केवल उत्तर प्रदेश के नहीं. यदि आप ऐसा नहीं करते तो आप भी दोखे बाज़ नेताओं की ही श्रेणी में आएंगे. प्र.2 क्या आप जानते हैं हिन्दी भाषी जनता पूरे देश में क्यों पीछड़ी हुई है? उत्तर: क्योंकि भाषा विकास का मूल कारक है, देश के जिस भाग के लोग हिन्दी नहीं बोलते थे अथवा इसे अपने लिए खतरा मानते थे वे अंग्रेजी को अपनी मुख्य भाषा मान लिए हैं तथा देशा के अंग्रेजी पोषक व्यवस्था में सुव्यवस्थित पा रहे हैं. परंतु हिन्दी या क्षेत्रीय भाषा-भाषी आज देश में दूसरे दर्ज़े के कार्य में लगे हैं क्यों? प्र.3 क्या आप बताएंगे ग्रामीण और शहरी गरीबों का विकास कैसे हो सकता है? उत्तर: हमारे देश की व्यवस्था पाश्चात्य व्यवस्था है यहाँ देशी लोगों के लिए कोई सम्मान का स्थान नहीं है. इसे दूर कर

हिन्दीवाला चला कम्प्यूटर खरीदने ??

हाँ, भाई आज हम भी निश्चित कर् लिए की अब कम्प्यूटर या लैपटॉप में से कोई एक अवश्य खरीदेंगे, आज तक सरकारी का प्रयोग कर के थोड़ा बहुत अब सीख लिए हैं, अब अपनी लुगाई का अनुमति लेना बाकी है क्यों कि बजट का सारा काम् वही देखती है चलो हिन्दी का आदमी चला कम्प्यूटर लेने वाह! क्या बात है! परंतु कौन सा लिया जाय? और कौन इंटर नेट कनेक्सन लिया ? जाय इस पर आप सब के अनुभव जानने की इच्छा है. ऐसा सुझाव दे की हिन्दी ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों चले. आशा है कि आप सब के उत्तम विचार अवश्य मिलेगा. आग्रिम धन्यवाद के साथ! आपका इस देश का जंतु

हिन्दी मीडिया से अपेक्षाएं

प्रथम सही कदम :- यह नवभारत टाइम में प्रथम बार छपा ऐसा लेख है जो भारत की प्रकृति की स्वाभाविकाता को दिखाता है और यह देश इसी मार्ग पर चल कर उन्नति कर सकता है। अन्य कोई मार्ग देश की जनता के हित में नहीं है? हमारे अनेक मित्र हैं जो देश के दिक्षण भागों में कार्यरत है, हमें अक़सर एक दूसरे के क्षेत्रों में जाना पड़ता है। हमनें देखा है कि अंग्रेजी भाषा हमारी सहायता केवल उच्च स्तर पर ही कर पाती है जबकि दैनिक कार्य करने के लिए हिन्दी या क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना अनिवार्य है। मेरे एक दोस्त है जो तमिलनाडु के है ।महोदय को केन्द्रीय व्यवस्थापक पद पर नियुक्त कर महाराष्ट्र के बर्धा जिले में भेज दिया गया। उन्हें हिन्दी का केवल पानी शब्द ही मालूम था, दूकानों पर सामान लेने और रास्ता पूछने ,होटल पर खाना खाने में इतनी परेशानी झेलनी पड़ी की वे अंग्रेजी के पंडित होते हुए भी खुद मुझसे हिन्दी सीखा और अब केवल चार महिनों में कमाल की हिन्दी बोलने लगे हैं और भाभी भी सीख गई है। बच्चे हिन्दी उतना ही अच्छा बोलते हैं जितना की हमारे बच्चे। अब यह स्पष्ट हो जाना चाहिए की भारत की प्राकृतिक सम्पर्क भाषा कौन है? और कितना

देवनागरी लिखने का सफल टंकण यंत्र कौन सा है?

दोस्तों, आप सभी से निवेदन है कि कुछ आधारभूत समस्याओं पर प्रकाश डालें:- हिन्दी टाइपिंग का कई ओनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं जिसमें मुख्य इस प्रकार हैं- 1. इंस्क्रिपट 2. आई.एम.ई 3. सी-डैक परंतु इन तीनों में कुछ कमियां है जैसे इंस्क्रिप्ट द्वारा प्रश्नवाचक चिन्ह और !@#$%^&*( ) _ - \ | {[ }] आदि का प्रयोग शिफ्ट+आल्ट और शिफ्ट+ कंट्रोल+अल्ट द्वारा प्रयोग में नहीं आ पा रहा है? कृपया सुझाव दे. आई.एम.ई. सबसे अच्छा हर जगह चलता है पर्ंतु इसका प्रयोग एक्सेल शीट पर ठीक से नहीं होता है. क़ृपया सुझाव दें. सी-डैक का प्रयोग विंडों विस्टा पर ठीक से नही चलता है ? कृपया सुझाव दें. मेरी समस्या यह है कि मै विंडों विस्टा और एक्स पी. का प्रयोग करता हूँ, क्योंकि आजकल आनलाइन के अतरिक्त आफ लाइन पर भी कार्य करने पड़ते है जैसे प्रश्न-पत्र आदि बनाना. सभी टूल्स का प्रयोग करना एक व्यक्ति के लिए सम्भव नहीं है, क्या इंस्क्रिप्ट और आई.एम.ई. में व्यक्त समस्याओं का कोई समाधान है तो अवश्य सूझाएं. एक सामान्य आदमी

हिन्दी को विश्व की किसी भी भाषा में पढ़ें READ ME IN ANY LANGUAGE

blogvani

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यहाँ कितना सुंदर है.

Hi, I got many information from many source that HINDI is largest spoken language of the world. and more European country is thing to introduce it.

संकट में भाषाएँ

भाषाओं पर संकट :- आज दुनिया की अनेक भाषाओं के लुप्त होने का खतरा पैदा हो गया है। उन्हें बोलने वाले दिन पर दिन कम होते जा रहे हैं। यूनेस्को द्वारा विश्व की लुप्त होती भाषाओं पर जारी एक एटलस के मुताबिक दुनिया की करीब 6000 भाषाओं में से 2500 के लुप्त हो जाने की आशंका है। भारत की 196 भाषाओं-बोलियों पर यह संकट मंडरा रहा है। उसके बाद अमेरिका का नंबर है, जहां 192 भाषाएं लुप्त होने की कगार पर पहुंच गई हैं। विश्व में 199 भाषाएं ऐसी हैं, जिसे बोलने वाले लोग 10 से भी कम हैं। एक भाषा की मौत का अर्थ है उसके साथ एक खास संस्कृति का खत्म होना, एक विशिष्ट पहचान का गुम हो जाना। तो क्या दुनिया से विविधता समाप्त हो जाएगी और पूरा संसार एक रंग में रंग जाएगा? भाषाओं के निरंतर कमजोर पड़ने के साथ यह सवाल गहराता जा रहा है। दरअसल भाषा का संबंध सामाजिक विकास से है। जो समुदाय जितना विकसित हुआ उसकी भाषा भी उतनी ही शक्तिशाली बनी और एक ताकतवर भाषा की बाढ़ अनेक छोटी-छोटी धाराओं को अपने में समेटती चली गई। भाषा के जरिए ही व्यक्ति अपने परिवेश से रिश्ता कायम करता है। जब एक व्यक्ति को लगने लगता है कि उसकी भाषा उसे वृहत्तर

कुछ हमारी भी सुनों ?

बहुत बहुत है धन्यवाद उनसबका जो करते हिन्दी लेखन में मदद हम सबका आज आई है नई सौगात अब बन गया है क्म्प्युटर अपना भाई कुछ कुछ अब हम भी लिख पढ़ लेते अब नही रही यह तकनीक पराई पर नव विंडो जो है आई उम्मीद नई थी इससे भाई हिन्दी का बहुभाषी आधार मिलेगा पर इसमे रही है अभी भी कमियाँ फोनेटिक का भी टाइप टूल लगाओ बढियां फिर देखो कंप्यूटर पर कैसी होती है हलचल अभी भी है भारत में कंप्यूटर की बहुत बड़ी मार्केट तुम चाहो तो जान लो यह सेक्रेट कर सकते हो मोटा अपना टार्गेट ...... आगे फ़िर .................