मित्र पर कविता लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप - दिसंबर 13, 2015 मित्र जिन्हें हम मित्र समझे हैं, बहुत खामोश रहते हैं, मालूम नहीं वे! खुश या नाराज़ होते हैं, हम तो अपनों को शुभ प्रभात कहते हैं। और पढ़ें