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बहुत दिनों के बाद

बहुत दिनों के बाद आज मैं पुन: अपने ब्लोग पर टिप्पणी कर रहा हूँ। विशेष कर हिन्दी भाषा और उसकी क्रियाशीलता के विषय में लोग कहते हैं कि हिन्दी में काम करना बहुत कठिन है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। कठिनाई का कारण है जानकारी का अभाव विशेष कर जो लोग आटी. जगत से जूडे हैं वे ही हिन्दी का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। मैनें अधिकांश आई.टी. के विद्यार्थियों से जब पूछा क्या वे हिन्दी लिखने में मेरी सहायता कर सकते हैं तो अधिकांश को हिन्दी लिखने की जानकारी ही नहीं है। सरकार से हमारा अनुरोध है कि आई. टी विद्यार्थियों को हिन्दी की जानकारी अनिवार्य करनी चाहिए और परीक्षा बोर्डों को इस पर प्रश्न भी अनिवार्य रूप में पूछना चाहिए। इस प्रकार लोगों को कम्प्युटर द्वारा मातृभाषा में कार्य करने में आसानी होगी तथा इसका प्रचार और स्वीकारीयता भी अपने आप बढ़ जाएगी।