दोस्ती दिवाली के दिप जले शान से यारों की यारी रंग लाये प्यार से दीप के बिन है दिवाली अधूरी दोस्त के बिन है जिंदिगी अधुरी भवरे को फूल की महक है प्यरी दोस्ती तो दोस्ती है सबसे न्यारी दुनिय को भले दौलत है सबकुछ दोस्ती को लगे दोस्ती है सबकुछ
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अप्रैल, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं