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केदारनाथ अग्रवाल के जीवन रेखा का तृतीय सोपान : सेवावकाश से मृत्यु पर्यन्त (1971 से 2000)

  दोस्तों प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल के जीवन रेखा पर आधारित अंतिम सोपान आप के समक्ष प्रस्तुत है- तृतीय सोपान : से वावकाश से मृत्यु पर्यन्त (1971 से 2000)   प्रगतिशील काव्य धारा में चोटी पर स्थान बना चुके कवि केदारनाथ अग्रवाल 4 जुलाई , 1970 ई. को सरकारी वकील के पद से सेवा-निवृत्त हुए। तत्पश्चात वे व काल त की तरफ देखे भी नहीं , पूरी तरह कविता और साहित्य की साधना में समर्पित हो गए। सन् 1973 ई. में केदार जी ने एक बड़े जमावड़े के साथ बांदा में ‘अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक’ सम्मेलन का आयोजन किया। यद्यपि केदार इसके पहले अनेक क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक कार्य क्रम सफलता पूर्वक करवा चुके थे। लेकिन 1973 के ‘प्रलेस’ सम्मेलन से केदार जी को विश्व-विश्रुत मिली। इस सम्मेलन में महा देव ी वर्मा , निराला , पंत , नागार्जुन , नीरज , भवानी प्रसाद मिश्र आदि नामी-गिरामी हस्तियों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन की दिल्ली से लेकर बांदा तक खूब चर्चा हुई। इस प्रगतिशील साहित्यिक सम्मेलन के आयोजन में बेबस विधान सभा के तत्कालीन सीपीआई विधायक देव कुमार यादव ने

केदारनाथ अग्रवाल : वकालत की डिग्री से सेवानिवृत्ति तक (1938 से 1971)

 दोस्तों केदारनाथ अग्रवाल के व्यक्तित्व का दूसरा चरण प्रस्तुत है- द्वितीय सोपान : व काल त की डिग्री से सेवानिवृत्ति तक (1938 से 197 1 )        केदारनाथ अग्रवाल इलाहाबाद में स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात कानून की पढ़ाई करनी चाही , इसके लिए वे कानपुर आए और यहीं पर वे जीवन की वास्तविकता से परिचित हुए। 1935 ई. में वे डी.ए.वी. कालेज कानपुर में विधि स्नातक शिक्षा हेतु प्रवेश लिया और 1938 ई. में इसे पास किया। उनके जीवन को दिशा और स्व रूप कान पुर में विधि स्नातक की पढ़ायी कर ते समय प्राप्त हुई। केदार जी कहते हैं- ‘कानपुर में हमें जीवन देखने को मिला’। वास्तव में कानपुर में केदार जी का संपर्क कवि बालकृष्ण बल्दुआ से हुआ। बल्दुआ के इर्दगिर्द प्रगतिशील विचार ों और साहित्यिक संस्कारों का माहौल था। यहीं पर उनका परिचय मजदूरों के जीवन से , उनकी समस्याओं से , उनकी पीड़ित , दमित जिंदगी से होता है। यहीं पर मार्क्स की विचार धारा का केदार गहराई से अध्ययन करते है। केदार बल्दुआ की एक अच्छे आदमी के रूप में प्रशंसा करते हैं , उनसे किताबें और अन्य मार्क्सीय विचार धारा से संबंधि