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सुंदर गोवा

आज रात देखा एक सपना गोवा हमारा बहुत सुंदर है। समुंदर के किनारे बसी छोटी सी नगरी जिसमें गाँव का रस शहर का सुख और महानगर की सुविधाएँ है। इसीलिए हम इसे इस देश का सुंदरतम प्रदेश कहते हैं। आओ चलें गोवा देखें उसकी शान मस्ती, रेत और लहरों का मस्ताना उतार - चढ़ाव बीचों और मंदिरों की शान गोवा है, इसलिए हम सबकी जान। 

मातृभाषा शिक्षण का माध्यम क्यों नहीं?

               मातृ भाषा का तात्पर्य उस भाषा से है जिसे पैदा होने के बाद बालक बोलता है। वह भाषा उसके परिवेश में प्रचलित भाषा होती है। वैज्ञानि को ं तथा शिक्षा विदों का विचार है कि प्राथमिक शिक्षा बच्चों को उनकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए। इससे बच्चों में पारिवारिक एवं सामाजिक संस्कार के साथ-साथ संकल्पनात्मक भाव एवं सोच पैदा होती है। जिसकी वज़ह से वे बच्चे उस भूमि और संस्कृति से आजीवन जुड़ जाते हैं। राष्ट्रभाष या राज भाषा वह भाषा होती है जो व्यापक पैमाने पर मातृभाषाओं तथा देश ी संस्कृति संस्कार को आगे बढ़ाती है। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा यदि राष्ट्रभाषा में दी जाती है तो विद्यार्थियों में उस भूमि, संस्कृति तथा जनता के प्रति आजीवन प्रेम बना रहता है। राष्ट्रभाषा में शिक्षित विद्यार्थी दुनियाँ का ज्ञान, तकनीक और आर्थिक साधन-सामग्री अर्जित कर अपने देश एवं जाति के लिए निचोड़ता है। ऐ से में वह देश और वहाँ के नागरिक धन-सपमन्न एवं स्वाभिमान से युक्त होते हैं। अतः शिक्षा विदों एवं वैज्ञानिकों का वितार है कि माध...