कुछ हमारी भी सुनों ?

बहुत बहुत है धन्यवाद उनसबका
जो करते हिन्दी लेखन में मदद हम सबका
आज आई है नई सौगात
अब बन गया है क्म्प्युटर अपना भाई
कुछ कुछ अब हम भी लिख पढ़ लेते
अब नही रही यह तकनीक पराई
पर नव विंडो जो है आई
उम्मीद नई थी इससे भाई
हिन्दी का बहुभाषी आधार मिलेगा
पर इसमे रही है अभी भी कमियाँ
फोनेटिक का भी टाइप टूल लगाओ बढियां
फिर देखो कंप्यूटर पर कैसी होती है हलचल
अभी भी है भारत में कंप्यूटर की बहुत बड़ी मार्केट
तुम चाहो तो जान लो यह सेक्रेट
कर सकते हो मोटा अपना टार्गेट ......
आगे फ़िर .................

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहीर शब्द की उत्पत्ति और उसका अर्थ

प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल की काव्य रचना : युग की गंगा

हिंदी पखवाड़ा प्रतियोगिताओं के लिए प्रमाण-पत्र