लोक-चेतना

दिखाई देता है अंकों, सनदों का व्यापार,
स्कूलों और कालेजों में बिकता अध्यापक,
पहुँच वालों का बोलबाला है,
वही अंकों में सबसे आगे वाला है?
यह सच नहीं बल्कि घोटाला है,
फिर भी वही नौकरी पाने वाला है,
कोई नहीं बोलने वाला है,
सब जानते हैं वह घोटाला है,
क्योंकि सबका मुहँ काला है.

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