अहीर या आहिर शब्द का अर्थ होता है, वीर, बहादुर, निडर, भयहीन। यह शब्द संस्कृत के आभीर शब्द से बना है। यह शब्द आभीर जनजातियों के लिए प्रयोग किया जाता है। ये जाति बहुत बहादूर और निडर स्वभाव की होती है। इनमें गोत्र और खाप परंपरा के अनुसार पंचायतें चलती है। इन्हें अपनी रक्त शुद्धि पर बहुत गर्व रहता है। भगवान श्री कृष्ण इसी जाति में पैदा हुए थे। वास्तव में समाज में यह मुहावरा प्रचलित है कि अहीर होना अर्थात निडर होना, साहसी होना। भारतीय समाज में स्त्रियों का सपना होता है कि उन्हें अहीर गुण वाला पति मिले। क्योंकि आभीर उच्चकोटि के प्रेमी होते हैं। बचन के पक्के होते है, साहस, वीरता के साथ-साथ इनमें दया, धीरता और रक्षा के भाव भरे होते हैं, शायद इसलिए नारी जाति इन पर बहुत भरोसा करती है और मन ही मन अहीर जैसे वर की कल्पना करती रहती हैं। आभीर जनजाति दुनिया की बहादुर और भयानक आक्रांता के रूप में प्राचीन काल से ही प्रसिद्ध है। यह जनजाति अपने प्रारंभिक काल से घुमंतू प्रकृति की थी, क्योंकि इसके जीवन यापन का आधार पशुपालन था। गाय, भैंस , बकरी आदि का पालन करने के लिए घास के मैदान और मीठे पानी की आवश्य
दोस्तों केदारनाथ अग्रवाल के रचनासंसार के अंतर्गत आगे उनकी रचनाओं पर जानकारी प्रस्तुत की जा रही है- उनकी पहली काव्य रचना 'युग की गंगा' प्रस्तुत है- काव्य संग्रह 1. युग की गंगा प्रस्तुत काव्य संग्रह कवि केदारनाथ अग्रवाल का पहला प्रकाशित काव्य संग्रह है। इसका प्रकाशन मार्च , 1947 ई. में हिंदी ज्ञान मंदिर लि. मुंबई द्वारा किया गया था। इसमें कुल 52 कविता एँ संकलित हैं। इस काव्य संग्रह की एक कविता ‘युग की गंगा’ के आधार पर इस काव्य संग्रह का नामकरण किया गया है। इस काव्य संग्रह की कविताओं से पता चलता है कि कवि की दृष्टि यथार्थवादी है परंतु वह साम्यवादी विचारों से प्रभावित है। कुछ कविताएं ‘चन्द्रगहना से लौटती बेर’ , ‘ बसंती हवा’ , ‘ सावन का दृश्य , ‘ चांद-चांदनी’ और ‘बसंत’ आदि कविताएं रोमानी रंग के प्राकृतिक चित्रण हैं। किंतु अधिकांश कविताओं में प्रकृति सामाजिक , धार्मिक और आर्थिक विषमताओं को प्रकट करने हेतु उपकरण के रूप में प्रकट हुई है। मा नव जीवन की विद्रूपताओं और पीड़ाओं से भरी जिन्दगी की छाया बड़ी विषाक्त , चोटीली और व्यंग्यात्मक रूप से
दोस्तों, हिंदी भाषा की पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं के लिए आप इस प्रकार प्रमाण-पत्र बना कर विद्यार्थियों को दे सकते हैं। हमने अपने विद्यार्थियों के लिए बनाया है, जिसे विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक करने का प्रयत्न किया गया है।