तलाश

हम हैं तलाश में किसी औजार के,
जो हारे हुए को विजयी बनाता हो ,
दिखाता हो सबको अपना चेहरा,
उसे असली चेहरे की पहचान करता हो,
है कोई जो ऊपर है स्वार्थों की दीवार से
क्या इसी में पीसते रहोगे प्यारे.
बोलो है कोई औजार जो स्वपनों को,
साकार करता है ..
आप का दोस्त.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहीर शब्द की उत्पत्ति और उसका अर्थ

प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल की काव्य रचना : युग की गंगा

हिंदी पखवाड़ा प्रतियोगिताओं के लिए प्रमाण-पत्र