कविता के बहाने

कविता एक उड़ान है चिड़ियों के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
कविता के पंख लगा उड़ने के माने
चिड़िया क्या जाने?
कविता एक खिलना है फूलों के बहाने
कविता का खिलना भला फूल क्या जाने!
बाहर भीतर
इस घर, उस घर
बिना मुरझाए महकने के माने
फूल क्या जाने?
कविता एक खेल है बच्चों के बहाने
बाहर भीतर
यह घर, वह घर
सब घर एक कर देने के माने
बच्चा ही जाने.
कुँवर नारायण
वियोगी होगा पहला कवि आह से लिकला होगा गान.
उमड़कर आँखों से चुप चाप बही होगी कविता अनजान..

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहीर शब्द की उत्पत्ति और उसका अर्थ

प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल की काव्य रचना : युग की गंगा

हिंदी पखवाड़ा प्रतियोगिताओं के लिए प्रमाण-पत्र