क्या हुआ! सबा सो गए क्या?

बहुत दिन हो गया मुझे लिखने को समाया नहीं मिला परन्तु आजा जब हम देखने लाहे टू सभी हिन्दी प्रेमी अपने अपने ब्लोग बन्दा कर चुके हैं किसी में नी प्रविष्टियाँ नहीं आरही हैं ऐसा क्यों हो गया विशेष कर परिचर्चा और श्रीश बाबू का ब्लोग अपडेट नही हो रहा है । भाई आप लोग क्या दिवाली की छूटती ही मना रहें है क्या ज़रा बताइए .

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहीर शब्द की उत्पत्ति और उसका अर्थ

प्रगतिशील कवि केदारनाथ अग्रवाल की काव्य रचना : युग की गंगा

हिंदी पखवाड़ा प्रतियोगिताओं के लिए प्रमाण-पत्र