प्यारा कानकोण
नदियों के किनारे लहरों की गूंज
पर्वतों के रंग में
दिखे श्यामल
कुंज
मोहक है जो यहां न्यारा
पावस ऋतु
में, पंछियों के झुंड
में
खिलता है श्याम सा सार ा
गरमी में
तपती धूप
करे सबको हैरान
सावन के आगमन का, जहां करे रत्नाकर एलान
ठंडी लाती है अपने संग जहां
क्रिसमस की धमाल मस्ती
मनचाही खुंशियां, रंग विरंगी संसार
यह जहां है बेमिसाल
नेति नेति से बना रिश्ता
अप्रकट
आओ देखो, घूमों
यह सुंदर
जहां निराला
सुशील मनमोहक, प्रकृति की गोद का प्यारा
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