हिंदी पाठ्यक्रम (Hindi Course)

दोस्तों आज मैं आप को हिंदी पठन-पाठन से जुड़ी जानकारी देंगे। क्योंकि बहुत लोग उसके बारे में जानना चाहते हैं।

भारत में हिंदी के दो पाठ्यक्रम चलते हैं-

1. ऐक्षिक हिंदी पाठ्यक्रम (Elective Hindi Course)

2. आधार हिंदी पाठ्यक्रम (Core Hindi Course)

उक्त दोनों पाठ्यक्रम (कोर्स) केंद्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएससी) जिसे अंग्रेजी में Central Board of Secondary Education (CBSE), जो "शिक्षा मंत्रालय" भारत सरकार के अंतर्गत देश की परीक्षाओं और पाठ्यक्रम बनाने को निर्धारित करने तथा संपन्न करने का कार्य करता है।

इसकी अधिकारिक साइट है- https://cbse.nic.in/

ऊपर वर्णित दोनों पाठ्यक्रम पूर्ण रूप से सीबीएससी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। उक्त दोनों में से कोई भी पाठ्यक्रम पढ़ने वाले विद्यार्थी को हिंदी विषय से पढ़ा विद्यार्थी माना जाता है। वह कहीं पर इस योग्यता को हिंदी की योग्या के लिए प्रस्तुत कर सकता है।

आप सबकी जानकारी के लिए यहां बाताना आवश्यक है कि भारत में ऐक्षिक (इलेक्टिव) और आधार (कोर) दो प्रकार के पाठ्यक्रम माध्यमिक से स्नातक शिक्षा तक चलते है। किंतु स्नातक या उच्च शिक्षा में हिंदी विषय अध्ययन करने के लिए आप को 'ऐक्षिक पाठ्यक्रम' (Elective Course) पढ़ना पड़ेगा। यदि आप कोई अन्य विषय पढ़ रहे हैं तो 'हिंदी आधार' (Base Hindi / Core Hindi) पढ़ना पड़ता है।

यहां स्पष्ट कर देना उचित होगा कि भारत में दो प्रकार के पाठ्यक्रम क्यों चलते हैं। इसका कारण एनसीइआरटी (NCERT) द्वारा बहुत साफ-साफ दिया गया हैं।

1. हिंदी भारत की मुख्यभाषा है और देश के बहुत बड़े भाग में दिनप्रति के कार्यों में मातृभाषा के रूम में प्रयुक्त होती है।

2. हिंदी देश की प्रमुख भाषा होने के साथ-साथ राजभाषा भी है। इसके अतिरिक्त हमारी क्षेत्रीय भाषाओं के बीच यह संपर्क भाषा भी है। दूसरे शब्दों में कहें तो आम नागरिकों के लिए हिंदी भारत की संपर्क भाषा भी है।

अतः जहां हिंदी मुख्यभाषा या मात़ृभाषा के रूम में व्यवहार में लाई जाती है, वहां के विद्यार्थियों को ऐक्षिक हिंदी माध्यमिक शिक्षा स्तर पर पढ़नी पढ़ती है। इसके विपरीत जहां पर मातृभाषा हिंदी नहीं हैं और हमारी क्षेत्रीय भाषाएं प्रमुख हैं, वहां पर शिक्षार्थियों में आधारभूत ज्ञान प्रधान करने हेतु उन्हे "आधार हिंदी पाठ्यक्रम) के माध्यम से हिंदी सिखाई जाती है।

दोनों पाठ्यक्रमों में एक यह भी अंतर है कि ऐक्षिक हिंदी में ऐसे साहित्यकारों की रचनाएं पढ़ाई जाती हैं, जिनकी हिंदी लेखन में गहराई है और साहित्यिक उद्देश्य को पूर्ण करती हैं।

दूसरी ओर आधार हिंदी में पूरे देश के हिंदी लेखकों की मूल एवं अनुवादित रचनाएं हैं, इसमें व्याकरण और प्रयोजन मूलक हिंदी पर बल दिया जाता है। जिससे अहिंदी भाषी विद्यार्थी भी उच्च शिक्षा में ऐक्षिक हिंदी पढ़ने योग्य बन जाए।

लेकिन स्नातक हिंदी विद्यार्थी को ऐक्षिक हिंदी पाठ्यक्रम (Elective Hindi Course) ही करना होता है।

आशा करता हूं कि यह जानकारी आप के लिए सहायक होगी।

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